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आनंद का गीत

poem

आनंद का गीत

उड़ो, नील गगन में उड़ो
कहता है यह दिल का संगीत
अभी भी है बचा हुआ
इस जीवन में आनंद का गीत।

नहीं है आत्मा फीका
नहीं है सूरज काला
अभी भी है बचा हुआ
खोल दो, नए जीवन का ताला।

बहो, ज्ञान के सागर में बहो
नहीं लगा है तेरे सपनों में दीमक
अभी भी है बचा हुआ
इस जीवन में उम्मीदों का दीपक।


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©  2025 Ganesh Kumar