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अब मैं नहीं रोया करता हूं

poem

अब मैं नहीं रोया करता हूं

सुना है
रोने से दुख दूर होता है।
मैं भी दुखी था उस दिन
थक गया था मेरा तन
काम नहीं हुआ था पूर्ण
रोने को, कर रहा था मन।
दुख दूर होने के आश में
रो पड़ा मेरा मन।
लेकिन वहां से लौटते ही
दुख और गहरा हो गया।

अब मैं नहीं रोया करता हूं,
चेहरे पर मुस्कान बिखेरता हूं।
समय के साथ सब ठीक होता है,
वक्त के साथ दुख दूर होता है।
अब मैं नहीं रोया करता हूं,
दुख के समय हंसा करता हूं।


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