home..
एक शांत व्यक्ति
March 2023
poem
एक शांत व्यक्ति
पहले वो चालाक था,
दुनिया बदलने चला था।
अब वो बुद्धिमान है,
स्वयं को बदलने चला है।
कल वो स्वयं को मूर्ख समझेगा,
बस अपने विचारों को बदलेगा।
पहले वो मूर्ख था,
अब स्वयं को ज्ञानी समझता है,
कल फिर से स्वयं को मूर्ख समझेगा।
पहले मूर्ख, फिर ज्ञानी
फिर से मूर्ख।
यह कहानी है,
एक शांत व्यक्ति की।
Recent Posts
- 2025-03-03» Beyond Theism and Atheism: Experiencing the Flow of the Universe
- 2025-03-03» Your Wishes To Sit Beneath My (Vector's) Trees and Creations
- 2025-03-02» What's Wrong with Gen Z?
- 2025-02-07» Why Expectations Hurt Us
- 2025-01-22» Gap Between Validation and Inner Fulfillment
- 2025-01-22» माँ, तेरा वक्त है
- 2025-01-21» Life Is Short: Choose Kindness Over Conflict
- 2024-03-03» मेरी दीदी
- 2024-02-01» Evil of a Person!
- 2023-10-07» आनंद का गीत
- 2023-04-03» अब मैं नहीं रोया करता हूं
- 2023-03-31» एक शांत व्यक्ति
- 2023-02-28» नया दिन नया जन्म
- 2023-02-28» एक अच्छा दोस्त
- 2023-02-27» विचारों के समंदर
- 2023-02-25» कलह नहीं होना चाहिए समाधान
- 2023-02-18» प्रकाश
- 2023-01-14» मैं तो ठहरा
- 2023-01-04» Compassion
- 2022-12-16» Change is Important!
- 2022-12-03» Choose Your Work
- 2022-12-02» Win Your Day
- 2022-11-26» We're Unique
- 2022-08-19» My 18th Birthday
- 2022-05-19» Father's Day
- 2021-08-19» My 17th Birthday
© 2025 Ganesh Kumar